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Tripura Sundari's form is not merely a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees as a result of symbols to grasp further cosmic truths.
The worship of those deities follows a selected sequence called Kaadi, Hadi, and Saadi, with Every goddess affiliated with a specific method of devotion and spiritual follow.
Goddess is commonly depicted as sitting down over the petals of lotus that is certainly kept within the horizontal human body of Lord Shiva.
अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥
केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
From the pursuit of spiritual enlightenment, the journey commences with the awakening of spiritual consciousness. This Original awakening is critical for aspirants who are in the onset of their route, guiding them to recognize the divine consciousness that permeates all beings.
The Tripurasundari temple in Tripura point out, locally often known as Matabari temple, was initially Launched by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, even though it was almost certainly a spiritual pilgrimage website For several generations prior. This peetham of electrical power was originally intended to be a temple for Lord click here Vishnu, but as a result of a revelation which the maharaja had in the dream, He commissioned and mounted Mata Tripurasundari within just its chamber.
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
Celebrations like Lalita Jayanti emphasize her importance, in which rituals and choices are made in her honor. The goddess's grace is believed to cleanse past sins and guide a person toward the ultimate target of Moksha.
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।